6 Mukhi rudraksha

 षण्मुखी रुद्राक्ष: भगवान कार्तिकेय का प्रतीक और इसके व्यापक लाभ

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है, जिसे भगवान शिव के अश्रु से उत्पन्न माना जाता है। रुद्राक्ष अपने विभिन्न मुखों के आधार पर अलग-अलग प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक मुख का अपना विशेष महत्व और लाभ होता है। षण्मुखी रुद्राक्ष, जिसे भगवान कार्तिकेय का प्रतीक माना जाता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो साहस, नेतृत्व और ज्ञान की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस लेख में हम षण्मुखी रुद्राक्ष के लाभ, इसकी धार्मिक मान्यताओं और इसके उपयोग की विधियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

 षण्मुखी रुद्राक्ष: एक परिचय

षण्मुखी रुद्राक्ष वह रुद्राक्ष है, जिसके छह मुख होते हैं। इसे भगवान कार्तिकेय, जो शिव और पार्वती के पुत्र हैं, का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष साहस, नेतृत्व और ज्ञान के लिए विशेष रूप से पूजनीय है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, साहस और विवेक का संचार होता है।

 षण्मुखी रुद्राक्ष के फायदे

1. साहस और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि : षण्मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के साहस और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। यह उसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है और उसे एक सफल नेता बनाता है।

2. मानसिक शांति और संतुलन : यह रुद्राक्ष मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति स्थिर होती है और वह शांति का अनुभव करता है।

3. संतानों के लिए शुभ : इसे धारण करने से संतान संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। यह माता-पिता के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है जो अपनी संतानों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

4. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार : षण्मुखी रुद्राक्ष हृदय, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है। यह शरीर में ऊर्जा के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है और व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।

5. ज्ञान और विद्या की प्राप्ति : यह रुद्राक्ष व्यक्ति को गहन ज्ञान और आध्यात्मिक समझ प्रदान करता है। यह ध्यान और साधना में गहराई लाने में सहायक होता है।

धार्मिक और पौराणिक मान्यताएँ

षण्मुखी रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, साहस और विवेक का विकास होता है। यह रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता और बाधाओं को दूर करता है और उसे सफलता की ओर अग्रसर करता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और विजय का देवता माना जाता है, और यह रुद्राक्ष उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक माध्यम है।

 षण्मुखी रुद्राक्ष धारण की विधि

षण्मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे शुद्ध और पवित्र करना आवश्यक होता है। इसे धारण करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:

1. शुद्धिकरण : सबसे पहले रुद्राक्ष को दूध और गंगाजल से धोकर शुद्ध करें।

2. पूजा : रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय के समक्ष रखें और पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद इसे धूप-दीप दिखाकर पूजन करें।

3. मंत्र जाप : "ऊँ ह्रीं हुम नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

4. धारण : इसे मंगलवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। इसे लाल धागे में पिरोकर गले में पहनें।

 षण्मुखी रुद्राक्ष की प्राप्ति

षण्मुखी रुद्राक्ष की प्राप्ति विशेष रूप से नेपाल और भारत के कुछ क्षेत्रों में होती है। इसे खरीदते समय इसकी प्रामाणिकता की जाँच अवश्य करें। बाजार में नकली रुद्राक्ष भी उपलब्ध होते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि इसे किसी विश्वसनीय स्रोत से ही प्राप्त करें।

 निष्कर्ष

षण्मुखी रुद्राक्ष एक अद्वितीय आध्यात्मिक आभूषण है, जो धारण करने वाले के जीवन में शक्ति, साहस और ज्ञान लाता है। इसके लाभ व्यापक और गहरे होते हैं, जो व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। यह रुद्राक्ष जीवन में सकारात्मक परिवर्तनों को प्रेरित करता है और व्यक्ति को नवीन ऊँचाइयों तक ले जाने में सहायक होता है।

देवा देवनाथ के इस लेख ने षण्मुखी रुद्राक्ष के महत्व और इसके धारण की विधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला है। यदि आप भी अपने जीवन में शक्ति और साहस की खोज में हैं, तो षण्मुखी रुद्राक्ष धारण करने पर विचार अवश्य करें। यह आपके संबंधों, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक यात्रा में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

अंततः, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रुद्राक्ष धारण करने के लिए किसी योग्य और अनुभवी व्यक्ति की सलाह लें, ताकि आप इसके पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें। ऐसा करने से आप अपने जीवन को नयी दिशा और उद्देश्य प्रदान कर सकते हैं। रुद्राक्ष का सही उपयोग आपके जीवन में अद्वितीय सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है, जिससे आप न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि समाज में भी अपनी पहचान बना सकते हैं। रुद्राक्ष के माध्यम से आप अपने जीवन में नयी ऊँचाइयों और सफलताओं को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

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